Wednesday, August 31, 2016
Wednesday, August 10, 2016
निष्पक्ष दिव्य सन्देश की संपादिका रेखा गौतम के खिलाफ एफ.आई.आर. और चार्जशीट. : समाजसेविका उर्वशी शर्मा की प्रतिष्ठा को चोट पंहुचाने के लिए जालसाजी करने के मामले में ‘कूटचक्र’ के संपादक महेंद्र अग्रवाल के साथ अभियुक्त बनीं रेखा गौतम.
लखनऊ/11
अगस्त 2016 .........
लखनऊ
की चर्चित समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा की मानहानि करने के लिए
जालसाजी करने जैसा जघन्य अपराध करने के मामले में अब लखनऊ के एक और अखबार की
संपादिका कानून के घेरे में फँस गयी है. लखनऊ और सोनभद्र जिलों से प्रकाशित
साप्ताहिक ‘कूटचक्र’ के संपादक महेंद्र अग्रवाल पर आईपीसी की धारा 469 के अंतर्गत
दर्ज एफ.आई.आर. में ही लखनऊ से प्रकाशित साप्ताहिक और दैनिक समाचारपत्र निष्पक्ष
दिव्य सन्देश की संपादिका रेखा गौतम के भी सह-अभियुक्त होने की बात अब एक पुलिस
अभिलेख से उजागर हुई है.
समाजसेविका
उर्वशी शर्मा ने बताया कि महेंद्र अग्रवाल ने उनकी प्रतिष्ठा को चोट पंहुचाने के दुरुद्देश्य
से विगत वर्ष जालसाजी करने का अपराध किया था. बकौल उर्वशी इस अपराध के खिलाफ उनके
द्वारा दी गयी तहरीर पर अभियुक्त महेंद्र अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 469 में
एफ.आई.आई. दर्ज कर जांच हुई और अभियुक्त महेंद्र अग्रवाल को पुलिस जांच में दोषी पाए
जाने पर आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया था.
बकौल
उर्वशी बीते साल ही लखनऊ के संजयगाँधीपुरम इंदिरानगर से प्रकाशित साप्ताहिक समाचारपत्र
निष्पक्ष दिव्य सन्देश ने उनके सम्बन्ध में एक मानहानिकारक खबर का प्रकाशन किया था.
उर्वशी ने इस समाचार पत्र की संपादिका रेखा गौतम को विधिक नोटिस भेजकर प्रकाशित
किये इस मानहानिकारक समाचार की बातों के सम्बन्ध में प्रमाणों की मांग की थी और इस नोटिस का कोई भी
जबाब न आने पर पुलिस में तहरीर देकर रेखा गौतम के खिलाफ एफ.आई.आर. की मांग की थी.
बकौल
उर्वशी जब उन्होंने पुलिस विभाग में एक आरटीआई दायर कर रेखा गौतम द्वारा किये गए
अपराध के लिए रेखा के खिलाफ की गयी पुलिस कार्यवाही की सूचना माँगी तो लखनऊ के
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उन्हें बीते 01 अगस्त को प्रेषित किये गए एक पत्र के माध्यम
से लिखित रूप से बताया है कि महेंद्र अग्रवाल के साथ-साथ रेखा गौतम के खिलाफ भी
आईपीसी की धारा 469 में अभियोग पंजीकृत होकर रेखा के खिलाफ भी चार्जशीट न्यायालय को
भेजी जा चुकी है.
उर्वशी
ने बताया कि वे इस मामले की अदालत में प्रभावी पैरवी करेंगी और महेंद्र अग्रवाल और रेखा गौतम को जल्द से जल्द जेल
के सींखचों के पीछे पंहुचाने का प्रयास करेंगी.
Thursday, August 4, 2016
Wednesday, August 3, 2016
येश्वर्याज की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से प्रभावित व्यक्तियों ने फर्जी शिकायतों करा भ्रष्ट डिप्टी सोसाइटी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता से कराया सचिव उर्वशी शर्मा पर फर्जी मनगढंत और कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण करने का आरोप सिद्ध !
भ्रष्टों ने कराया येश्वर्याज
सेवा संस्थान का पजीकरण निरस्त
लखनऊ/03 अगस्त 2016..........
उत्तर प्रदेश में
भ्रष्टाचार विरोध का पर्याय बनी संस्था ‘येश्वर्याज सेवा संस्थान’ और इसकी
तेजतर्रार सचिव और समाजसेविका उर्वशी शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचारियों ने एकजुट होकर
आखिर दांव चल ही दिया है. लखनऊ मंडल के डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता ने 02 अगस्त
को एक पत्र जारी कर येश्वर्याज सेवा संस्थान का पंजीकरण निरस्त किये जाने का आदेश
प्रदान करते हुए संस्थान की सचिब उर्वशी शर्मा पर फर्जी मनगढंत और कूटरचित
प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण कराने का आरोप सिद्ध कर दिया है.
अजय गुप्ता ने
संस्था के एक सदस्य प्रेम सागर के एक शपथ-पत्र और संस्था कार्यालय में उपस्थित
होकर दिए गए बयान के आधार पर अवधारित किया है कि संस्था की सचिव उर्वशी शर्मा ने फर्जी
मनगढंत और कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण कराया है.
इस वारे में बात
करते हुए उर्वशी ने बताया कि उनकी संस्था की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से प्रभावित
व्यक्तियों ने भ्रष्ट आई.ए.एस. सुनील कुमार के दलाल महेंद्र अग्रवाल के माध्यम से
पहले तो संस्था को ब्लैकमेल करना चाहा पर जब संस्था ब्लैकमेल नहीं हुई तो संस्था को बदनाम
करने के उद्देश्य से संस्था के विरुद्ध फर्जी शिकायतें करना शुरू कर दिया. उर्वशी
ने बताया कि आपराधिक मानसिकता के महेंद्र अग्रवाल के खिलाफ उन्होंने थाना हजरतगंज
में मुकद्दमा भी दर्ज कराया है जिसमें महेंद्र अग्रवाल के खिलाफ चार्ज-शीट
न्यायालय भेजी जा चुकी है.
उर्वशी ने आरोप
लगाया कि महेंद्र अग्रवाल ने आपराधिक मानसिकता के तहत पहले उनकी संस्था के सदस्यों
से मिलकर उनके पैत्रक निवास में चोरी कराकर
संस्था के अभिलेख चोरी कराये और फिर संस्था के खिलाफ फर्जी मनगढंत और कूटरचित
शिकायतें करना शुरू कर दिया. बकौल उर्वशी उनकी संस्था की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम
से प्रभावित व्यक्तियों ने एकजुट होकर न केवल संस्था के सदस्यों से झूंठे शपथ-पत्र
और कथन दिलवाए अपितु भ्रष्ट डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता को घूस खिलाकर मनमानी
जांच कराई है.
उर्वशी ने बताया कि भ्रष्ट
डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता के पूर्व के काले इतिहास के चलते उन्होंने
जांच-अधिकारी बदलने के लिए रजिस्ट्रार को कई पत्र दिए पर इन पत्रों का कोई भी
संज्ञान नहीं लिया गया है.
फर्जी मनगढंत और कूटरचित
प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण कराने की बात पर उर्वशी ने कहा कि उनकी
संस्था का पंजीकरण रजिस्ट्रार के द्वारा पूर्ण संतुष्टि के बाद किया गया है. यही
नहीं संस्था के सभी सदस्यों ने तदसमय के अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर अपने
हस्ताक्षर किये थे अतः यह जांच विधिशून्य है.
उर्वशी ने कहा कि वे
इस आदेश के विधिक पक्ष का विश्लेषण करा रही हैं और शीघ्र ही अजय गुप्ता के खिलाफ
घूस खाकर विधिविरुद्ध रीति से आदेश जारी करने के अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट
दर्ज कराएंगी.
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